मीराबाई चानू पेरिस में करना चाहती हैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
बचपन में जलाने वाली लकड़ी का गट्ठर उठाने से लेकर अंतरराष्ट्रीय पोडियम तक पहुंचने का वेटलिफ्टर साईखोम मीराबाई चानू का सफर बेहद शानदार रहा है। यह उनके संघर्ष और लगन की दास्तां बयां करता है।
कर्णम मल्लेश्वरी के बाद टोक्यो 2020 में मीराबाई का रजत पदक भारतीय वेटलिफ्टर द्वारा जीता गया दूसरा ओलंपिक पदक था। वह पीवी सिंधु के बाद ओलंपिक रजत पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला भी बनीं।
इस असफलता ने मीराबाई चानू को निराशा कर दिया और यहां तक कि उन्होंने जल्द ही रिटायर होने के बारे में भी सोचा। लेकिन टोक्यो ओलंपिक में चानू ने दृढ़ संकल्प और कई बलिदानों के बाद रजत पदक जीता, जो उनकी अथक मेहनत का सबूत था।