रामलला की प्राण प्रतिष्ठा: ये 14 लोग पत्नियों के साथ होंगे यजमान, किन नसीब वालों को मिला यह दुर्लभ अवसर, जानें
अयोध्या, 22 जनवरी: अयोध्या में भव्य राम मंदिर में भगवान रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन 22 जनवरी को हो रहा है, और इस महत्वपूर्ण क्षण में आए 14 दंपति यजमान के रूप में चयनित हैं। इन 14 दंपतियों का यह अद्वितीय समर्पण होगा जब वे अपनी पत्नियों के साथ इस पवित्र क्षण में भाग लेंगे। इस लेख में हम इन 14 यजमानों की सूची के साथ, उनके परिवार और इस महत्वपूर्ण प्रतिष्ठा के बारे में विस्तार से जानेंगे।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में यजमानों की सूची:
1. रामचंद्र खरादी (उदयपुर): उदयपुर से होने वाले रामचंद्र खरादी भी इस महत्वपूर्ण प्रतिष्ठा में यजमान के रूप में चयनित हैं।
2. राम कुई जेमी (असम): असम के निवासी राम कुई जेमी भी इस अद्वितीय अवसर के यजमान हैं और इस पवित्र समय में अपनी पत्नी के साथ शामिल होंगे।
3. गुरुचरण सिंह गिल (जयपुर): जयपुर से यजमान बने गुरुचरण सिंह गिल भी इस अनुष्ठान में शामिल होंगे और भगवान राम के पूजन में योगदान देंगे।
4. कृष्ण मोहन (हरदोई): हरदोई के निवासी कृष्ण मोहन भी इस धार्मिक समारोह में यजमान के रूप में आगे बढ़ेंगे।
5. रमेश जैन (मुल्तानी): मुल्तानी से आने वाले रमेश जैन भी इस अद्वितीय पूजा में भागीदारी करेंगे और अपना समर्पण दिखाएंगे।
6. आदलरासन (तमिलनाडु): तमिलनाडु के निवासी आदलरासन भी इस अवसर पर यजमान के रूप में मौजूद होंगे।
7. विठ्ठल कामनले (महाराष्ट्र): महाराष्ट्र से आने वाले विठ्ठल कामनले भी इस महत्वपूर्ण क्षण में यजमानी करेंगे।
8. महादेव राव (लातूर): लातूर से यजमान महादेव राव इस प्रतिष्ठा में अपना समर्पण देने के लिए तैयार हैं।
9. लिंगराज बासवराज (कर्नाटक): कर्नाटक के निवासी लिंगर
ाज बासवराज भी इस अवसर पर यजमानी करेंगे और धार्मिक समर्पण दिखाएंगे।
10. दिलीप वाल्मिकी (लखनऊ): लखनऊ से आने वाले दिलीप वाल्मिकी भी इस अद्वितीय समर्पण में भाग लेंगे।
11. अनिल चौधरी (डोम राजा के परिवार): डोम राजा के परिवार से अनिल चौधरी भी इस प्रतिष्ठा में यजमान बने हैं और भगवान के पूजन में भागीदारी करेंगे।
12. कैलाश यादव (काशी): काशी से यजमान कैलाश यादव इस महत्वपूर्ण क्षण में अपना समर्पण देने के लिए तैयार हैं।
13. अरुण चौधरी (हरियाणा): हरियाणा के निवासी अरुण चौधरी भी इस अवसर पर यजमानी करेंगे और धार्मिक आत्मा को महसूस कराएंगे।
14. कवींद्र प्रताप सिंह (काशी): काशी से आने वाले कवींद्र प्रताप सिंह भी इस समर्पण में भागीदार होंगे और भगवान की पूजा में योगदान करेंगे।
यजमानों का बड़ा समर्पण:
ये 14 यजमान इस समर्पण में अपनी पत्नियों के साथ शामिल होंगे और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पूजा का अनुष्ठान करेंगे। इस महत्वपूर्ण पवित्र समय में, वे भगवान राम की प्रतिष्ठा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं।
निष्कर्ष:
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा एक ऐतिहासिक क्षण है जो भारतीय समाज के लिए एकता और श्रद्धांजलि का समय है। इस महत्वपूर्ण समर्पण में यजमान बने इन 14 दंपतियों का समर्थन और समर्पण इस घड़ी को और भी अद्भुत बना देता है। इस प्रतिष्ठा के माध्यम से यह भी साबित होता है कि धर्म, सामर्थ्य, और सांस्कृतिक समृद्धि के माध्यम से हम समृद्धि की ओर बढ़ रहे हैं।
read more…