गुरमीत चौधरी: टीवी से बॉलीवुड तक का अनूठा सफर
नई दिल्ली: टीवी की दुनिया से सीधे बॉलीवुड में कदम रखने वाले गुरमीत चौधरी आज एक अद्वितीय पहचान के साथ सिर झुकाए हुए हैं। उनका संघर्ष और सफलता का सफर एक अनोखी कहानी है, जिसमें ‘राम’ नाम का खास कनेक्शन है।
टीवी का पहला कदम: गुरमीत ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत टीवी के पौराणिक शो ‘रामयण’ से की थी, जिसमें उन्होंने राम का किरदार निभाया था। इस शो के माध्यम से उन्होंने घर-घर में अपनी पहचान बनाई और लोगों के दिलों में राज कर लिया।
बॉलीवुड में पहला कदम: उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में पहला कदम 2008 में रखा और मिला एक 10 सेकेंड का रोल। लेकिन फिर उन्होंने नाम बदला और मिला एक स्टारडम जो उन्हें कई अवॉर्ड विनिंग ब्लॉकबस्टर्स में ले आया।
भक्ति में राम: आजकल, जब पूरा देश भगवान राम की भक्ति में डूबा हुआ है, गुरमीत चौधरी ने भी इस पवित्र नाम से अपना खास कनेक्शन बताया है। उनका कहना है कि उनके पिता का नाम सीताराम है और इस तरह उनका नाम उनके जीवन में एक अद्वितीय संबंध बनाए रखता है।
गांव का गौरव: गुरमीत का जन्म जयरामपुर गांव में हुआ था और उनका जीवन उस गांव के साथ गहरे संबंधों से जुड़ा हुआ है। उनका कहना है कि गांव की सांस्कृतिक धरोहर और सामूहिक जीवन ने उनके व्यक्तिगत और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भगवान राम के साथ: गुरमीत ने दो साल पहले राम मंदिर निर्माण स्थल का दौरा किया और वहां दान भी किया। इसके साथ ही, उनका गांव और भगवान राम के साथ एक विशेष और गहरा संबंध है।
समाप्ति की ओर: गुरमीत चौधरी का जीवन एक अनूठा कनेक्शन के साथ भरा हुआ है, जो उनके पिता का नाम सीताराम, गांव, और नाम के माध्यम से बनाए रखे गए हैं। इसके माध्यम से हम उनके व्यक्तिगत और सामाजिक दृष्टिकोण स
े उनकी दुनिया में साझा करते हैं, जो विचारशीलता, समर्पण, और सामाजिक समरसता के मूल्यों को महत्वपूर्णता देती है।
इस बड़े साकारात्मक सफर में, गुरमीत चौधरी ने नहीं सिर्फ अपने कौशल और प्रतिबद्धता से चमकते हुए अपनी जगह बनाई है, बल्कि उनका ‘राम’ से जुड़ा हर कदम उनके जीवन को एक अद्वितीय रूप से रौंगत देता है। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि संघर्ष और समर्पण से ही सपने हकीकत में बदलते हैं और किसी भी पहलुओं से नहीं होता कि आप कहाँ से हैं, आप कहाँ पहुंच सकते हैं।
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